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चंदन का पलना है / जगदम्बा चोला

चंदन का पलना है, रोशम की डोरी,
झूला झुलाऊं मैं निंदिया को तोरी।
सो जा रे ललना, तू पलना में सो जा,
अंखियों में झपकी, तू सपनों में खो जा।
भोली-सी चितवन पे बलिहार तोरी,
चंदन का पलना है, रोशम की डोरी।
सपनों में तेरे आएंगे चंदा मामा,
झुनझुने, खिलौने लाएंगे चंदा मामा।
साथ में लाएंगे, तुझे दूध-कटोरी,
पलना झुलाऊं मैं निंदिया को तोरी।
चंदा को देख ज्यूं जीवै चकोरी,
बसे तेरी ममता सांसों में मेरी।
सो जा मेरे ललना, सुनाऊं तुझे लोरी,
झूला झुलाऊं मैं निंदिया को तोरी।