भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चंदन की कलम शहद में डुबो-डुबो कर / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
 
*[[जब अपनी तुलना करता हूँ मैं कवि तुलसीदास से / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[जब अपनी तुलना करता हूँ मैं कवि तुलसीदास से / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[जय हो, हे हिन्दी उद्धारक! / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[जय हो, हे हिन्दी उद्धारक! / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[जवाहर लाल नेहरू / गुलाब खंडेलवाल]]
+
*[[बहुत माना हठी था, तेज था, तर्रार था नेहरू / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[पूरब-पश्चिम दोनों दिशि से उमड़ रही है आग / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[पूरब-पश्चिम दोनों दिशि से उमड़ रही है आग / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[किसने पिघले हुए अनल को पीने का हठ ठाना! / गुलाब खंडेलवाल]]
 
*[[किसने पिघले हुए अनल को पीने का हठ ठाना! / गुलाब खंडेलवाल]]

04:32, 20 जुलाई 2011 का अवतरण

चन्दन की कलम शहद में डुबो-डुबोकर
Chandan Ki Kalam.JPG
रचनाकार गुलाब खंडेलवाल
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय
विधा कविता
पृष्ठ
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

<sort order="asc" class="ul">

</sort>