भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम / महेन्द्र मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
|संग्रह=प्रेम व श्रृंगार रस की रचनाएँ / महेन्द्र मिश्र | |संग्रह=प्रेम व श्रृंगार रस की रचनाएँ / महेन्द्र मिश्र | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKCatKavitt}} |
{{KKCatBhojpuriRachna}} | {{KKCatBhojpuriRachna}} | ||
<poem> | <poem> |
05:47, 22 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
चपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम
राम अभिराम कोटि काम छवि वारे हैं।
गोर-गोर भरथ रिपुसूदन वो लखन लाल।
बाल-विधु मानो स्याम घटा के निहारे हैं।
प्रेमन की बूंद मानो सावन झर लाई आज
पावस की समाज सजा आज ही सुधारे हैं।
द्विज महेन्द्र अतिअनंद देख के मुखार बिंद
बोलत बालकन्ह माई झूलन की बहारें हैं।