Last modified on 22 अक्टूबर 2013, at 05:45

चपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम / महेन्द्र मिश्र

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:45, 22 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चपला सी चमक चारू सुन्दर सोहावन स्याम
राम अभिराम कोटि काम छवि वारे हैं।
गोर-गोर भरथ रिपुसूदन वो लखन लाल।
बाल-विधु मानो स्याम घटा के निहारे हैं।
प्रेमन की बूंद मानो सावन झर लाई आज
पावस की समाज सजा आज ही सुधारे हैं।
द्विज महेन्द्र अतिअनंद देख के मुखार बिंद
बोलत बालकन्ह माई झूलन की बहारें हैं।