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चमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया / इक़बाल


चमने-ख़ार-ख़ार है दुनिया
ख़ूने-सद नौबहार है दुनिया

जान लेती है जुस्तजू <ref>चाहत</ref> इसकी
दौलते-ज़ेरे-मार <ref>गड़ा हुआ धन जिसके ऊपर साँप कुंडली मार कर बैठा हो</ref>है दुनिया

ज़िन्दगी नाम रख दिया किसने
मौत का इंतज़ार है दुनिया

ख़ून रोता है शौक़ मंज़िल का
रहज़ने-रहगुज़ार <ref>रास्ते में लूट लेने वाली</ref> है दुनिया



 

शब्दार्थ
<references/>