भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चाबी वाला जोकर / प्रकाश मनु

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जन्मदिवस पर चाचा लाए
चाबी वाला जोकर,
मुझको खूब हँसाया करता
ताली बजा-बजाकर।

खूब नुकीली, पर तिरछी सी
इसकी जो है टोपी,
उसे देखकर खुश होता है
नन्हा भैया गोपी।

हाथ हिलाकर, गाल फुलाकर
यह है डांस दिखाता,
डांस दिखाकर थोड़ा-थोड़ा
गरदन को मटकाता।

और अंत में बड़े मजे से
करता है-आदाब,
हँस-हँस कहते मम्मी-पापा-
इसका नहीं जवाब!