भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चार रतन अनमोल / रमेश तैलंग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

देश की मिट्टी, देश का पानी,
देश की ख़ुशबू, देश की बानी
चार रतन अनमोल हमारे,
चार रतन अनमोल।

देश की मेहनत, देश की दौलत,
देश का झंडा, देश की इज्जत,
चार रतन अनमोल हमारे,
चार रतन अनमोल।

देश की नदियाँ, देश का जंगल,
देश के वासी, देश की हलचल,
चार रतन अनमोल हमारे,
चार रतन अनमोल।

देश की कुर्बानी, आजादी,
चलता चरखा, बनती खादी,
चार रतन अनमोल हमारे,
चार रतन अनमोल।