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चार वर्षों से / कात्यायनी

चार वर्षों से
कोशिश कर रही हूँ
नाकाम
लिखने की
एक प्रेम कविता।
ईश्वर तो होता नहीं,
हो लोगो! तुम्हीं बताओ
मैं क्या करूँ?

रचनाकाल : जून 1993