Last modified on 22 जून 2009, at 18:59

चालने सखी दही बेचवा ज‍इये / मीराबाई

चालने सखी दही बेचवा ज‍इये। ज्या सुंदर वर रमतोरे॥ध्रु०॥
प्रेमतणां पक्कान्न लई साथे। जोईये रसिकवर जमतोरे॥१॥
मोहनजी तो हवे भोवो थयो छे। गोपीने नथी दमतोरे॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। रणछोड कुबजाने गमतोरे॥३॥