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चालाक चूहा / दीनदयाल शर्मा

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चूहा गया बाज़ार में
ख़ूब ख़रीदे आम,
बिल्ली मिल गई रस्ते में
ख़ून हो गया जाम ।

कहाँ जाए, कहाँ छुपे
बहुत दूर थी दिल्ली,
दिल की धड़कन बढ़ गई,
पैण्ट हो गई ढीली ।

हिम्मत करके चूहा बोला
बिल्ली मैडम आओ,
आम लाया आपके लिए,
ख़ूब मज़े से खाओ ।

मूँछ हिलाकर बिल्ली बोली
मुझसे मत घबराओ
छोड़ टोकरा आम का
मेरे पास तो आओ ।

चूहे ने मोबाइल चलाया
उसमें कुत्ता भौंका
दुम दबाकर बिल्ली दौड़ी
लग गया जैसे चौका ।।