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"चाहता हूँ पागल भीड़ / मनोज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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चाहता हूं पागल भीड
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रचनाकार डा० मनोज श्रीवास्तव
प्रकाशक विद्या श्री पब्लिकेशन्स
वर्ष 2006
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा
पृष्ठ 154
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।



जिनके जलते हैं पुतले