Last modified on 4 जून 2013, at 12:21

चिक्कनि माटिक रंग / जीवकान्त

 
धरती देने छल बाँग
बाँगक उज्जर-उज्जर फूल
जोलहा बनओलक उज्जर गमछा
माइ बनौने छलीह ओकर तीन ताग जनौ
आ ओकरा रंगने छलीह ओ लाल
कुण्डाबोर लाल !

ऋतु सभ बदलैत रहल अछि
अनेक बेर भेल अछि रौदी
रौदीमे दूभिक पातो उज्जर भेल
अनेक बेर बाढ़िमे भसिआएल अछि
बड़ पीपरक अकादरूण गाछ
अगिलग्गी भेल अछि अनेक बेर
भूकम्पोमे खसल अछि
गाम घरक छोट-छोट देवाल

बर्ख गनब कोन जरूरी छैक ?
एहि गाममे एक समान लोक अछि
भूकम्पक पहिनहुँ ई गाम ओहिना छल
जेना गाम भूकम्पक पछाति बाँचल अछि

ई बात मुदा जरूर छैक
समस्त धरती पर
सभसँ बेसी प्रतापी अछि माटि
ओहीसँ उत्पन्न होइत अछि
बाँगक उज्जर फूल
आ अन्तमे
ओहीमे समा जाइत अछि
श्रीमान् सभक छोटका-बड़का देवाल

हमरा कान्ह पर राखल
ई उजरा गमछा आब माटिक रंग भेल
हमरा कान्हमे लेपटाओल
तीन ताग जनौ आब लाल नहि अछि
आब ओ माटिक रंगमे अछि
सराबोर
हमरा जीवनक रंग
नहि थीक बर्फक रंग, ने आकाशक रंग
ओ थिक माटिक रंग
बर्खक बर्ख चढ़ल अछि एहि पर
चिक्कनि माटिक तह पर तह
जे एकरा देने छैक रंग