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"चितराम : हे नागौरण : अेक / राजूराम बिजारणियां" के अवतरणों में अंतर

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‘‘हे नागौरण
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दिन बळै
नाड़ा तोड़ण
+
आस पळै
बळद मरावण
+
ब’ण फोहा रूई रा
तूं क्यूं चाली आधै सावण!’’
+
बादळ ढळै
  
मूंढै पसरी
+
पता हालै-चरचा चालै
बखत रै बिखै रो परमाण
+
आभै सामीं
बूढ़ी लकीरां...
+
चारूं कानीं
खुंखावंती-खरणावंती
+
पड़ती छांट
धूड़ उडावंती आंधी सूं
+
जमती रेत
स्यात करै आ’ई सवाल!
+
हळ बैंवता
 +
बणग्या खेत
  
सवाल आंधी रो नीं
+
आस रा पग मोटा
सवाल...!
+
डिग भरै-भरै कोठा
रेत रो, खेत रो
+
धोरै बूरयो धन अंवेरण रो।
+
 
+
धन...!
+
खेत रै मूंडै रमी रेत
+
रेत...!!
+
जिण रै रूं-रूं
+
पुरखां री देही रो पसेव
+
बंधावै धीज
+
देवै होसळौ
+
 
+
जिण पाण
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घूमूं देही में
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पाळतो प्रीत
+
परोटूं रीत।
+
  
 +
पण आस टूटै
 +
सुख खूटै
 +
सूखै खेत
 +
बळता ओरण...!
 +
चाली जद बैरण नागौरण।
 
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10:36, 12 जून 2017 के समय का अवतरण

दिन बळै
आस पळै
ब’ण फोहा रूई रा
बादळ ढळै

पता हालै-चरचा चालै
आभै सामीं
चारूं कानीं
पड़ती छांट
जमती रेत
हळ बैंवता
बणग्या खेत

आस रा पग मोटा
डिग भरै-भरै कोठा

पण आस टूटै
सुख खूटै
सूखै खेत
बळता ओरण...!
चाली जद बैरण नागौरण।