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"चूहे की चाय / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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19:20, 2 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

कड़क ठण्ड है, चूहा बोला,
मुझे चाय की चाह।
अगर बनी अच्छी, कर लूँगा,
चट मंगनी पट ब्याह।
बोली चुहिया अरे अनाड़ी,
मत खा मेरे कान।
यहाँ चाय की मेरे घर में,
कोई नहीं दुकान।