भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चेतावनी / लैंग्स्टन ह्यूज़ / उज्ज्वल भट्टाचार्य

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:42, 26 जून 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लैंग्स्टन ह्यूज़ |अनुवादक=उज्ज्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

काले हब्शी,
प्यारे और हुक़्मपरस्त,
शर्मीले, दब्बू और भले :

उस दिन से सावधान
जब उनका दिमाग बदल जाएगा !

हवा
कपास की खेतों में बहती
मदमाती मस्त हवा :

उस घड़ी से सावधान
जब वह पेड़ों को उखाड़ फेंकेगी !

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य