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चेली बिदा माग्छिन् / मञ्जुल

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सुनैको काइँयो सुनैको थाक्रो, सुनौली मेरो केश
नरोए आमा, न्याउली बास्तै म काट्छु माइती देश

दाजुले भेटे मनको बह पोखेर रोइदिउँला
भाइले भेटे बर्बरी आँसु झारेर रोइदिउँला
देवीथान भेटे लालपाती फूल राखेर हिँडौँला
देउराली भेटे भीमसेन पाती भाकेर हिँडौँला ।