भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

छायाचित्र / तादेयुश रोज़ेविच

Kavita Kosh से
212.192.224.251 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 19:27, 13 दिसम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तादेयुश रोज़ेविच |संग्रह= }} <Poem> आज मुझे मिला किस...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आज मुझे मिला
किसी दूसरे देश से भेजा गया
एक पुराना कार्ड :
इरबालुंगा का एक चित्र

कभी नहीं सुना मैं इसका नाम
नहीं जानता कहाँ रहता है यह आदमी
जानना भी नहीं चाहता

कौन है इरबालुंगा

कल मुझे मिला
माँ का एक छायाचित्र
सहेजा हुआ उन्नीस सौ चवालीस का

छायाचित्र में
माँ अभी युवा है और ख़ूबसूरत
मंद-मंद मुस्काती

लेकिन उसके पीछे
मैंने पढ़े
माँ के हाथ के
लिखे शब्द
"भयानक है मेरे लिए उन्नीस सौ चवालीस"

उन्नीस सौ चवालीस में
गेस्टापो ने मेरे बडे भाई का
क़त्लकिया था

हमने छिपाए रखी
माँ से
भाई की मौत

लेकिन उसने
हमारे ही ज़रिए उसे जाना
और
छिपाए रखा
हमसे

(1979)

अंग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल