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छुट्टियों में / रमेश तैलंग

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छुट्टियों में बोलो क्या काम करोगे
काम करोगे या आराम करोगे ?

गाँव से सटा पोखर
सूखने लगा है,
रोज़ एक ही सवाल
पूछने लगा है,
पानी का कब इंतज़ाम करोगे ?

जामुन के पेड़ों के
मिले हैं संदेशे,
उनके भी कटने के
हैं अब अंदेशे
सोचो, कैसे ये नुक्सान भरोगे ?
छुट्टियों में बोलो क्या काम करोगे ?