छेड़ा जो दिल का फ़साना हँसा ज़ोर से क्यों ज़माना
अल्ला जाने मौला जाने
छेड़ा जो दिल का...
मुबारक जहाँ तुझको तेरा उठाया फ़क़ीरों ने डेरा
मिलेगा कहाँ अब ठिकाना अल्ला जाने मौला जाने
छेड़ा जो दिल का...
मिला कुछ न रास्ता बदल के गिरा वो चला जो स.म्भल के
ये खेल कितना पुराना अल्ला जाने मौला जाने
छेड़ा जो दिल का ...
बचा सारी दुनिया से जो दिल हुआ अपने तीरों से घायल
पड़ा कैसा उल्टा निशाना अल्ला जाने मौला जाने
छेड़ा जो दिल का...