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छोटोॅ बुतरू / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

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छोटोॅ बच्चा सभ्भेॅ केॅ लगै छै प्यारोॅ
कोय भी जीवोॅ के होय छै बड़ा दुलारोॅ

ओकरोॅ तोतरैवोॅ बोली कŸोॅ सुखकर होय छै
केकरोॅ बुतरू हुअेॅ बहुतेॅ मजगर होय छै

छोटोॅ बच्चा हाथी के, ठुमकी-ठुमकी चलवोॅ
मन मोहै छै जंगल में माय के साथ थिरकवोॅ

बाल कृष्ण के मनहर रूपें केकरा नै मोहै छै
ओकरोॅ नचवोॅ मक्खन खैवोॅ केकरा नै सोहै छै

केकरोॅ भी बच्चा हुअेॅ सबकेॅ लागै छै अच्छा
प्रकृति के सबसे बड़ोॅ उपहार छेकै ई बच्चा।