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छोड़ेंगे न हम तेरा साथ ओ साथी मरते दम तक / रविन्द्र जैन

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छोड़ेंगे न हम तेरा साथ ओ साथी मरते दम तक
मरते दम तक नहीं अगले जनम तक
अगले जनम नहीं सात जनम तक
सात जनम नहीं जनम जनम तक
छोड़ेंगे न हम ...

तेरी ही तस्वीर सजी है दिल के आईने में
तुझसे मोहब्बत कर के लज्जत पा ही गए जीने में
देता है खुशियां अब तेरा ग़म तक
पड़ने न देंगे ग़म के कदम तक
कदम रखेंगे संग जनम जनम तक
छोड़ेंगे न हम ...

कोई ढूंढे अपने को कोई अपने सनम को
अपना ख़ुदा भी अपना सनम भी मिल गया तुझसे हमको
कर लिए वादे खाई कसम तक
खाई कसम दिल के संगम तक
संगम होगा जनम जनम तक
छोड़ेंगे न हम ...

मौसम आते जाते रहेंगे सावन फागुन लाते रहेंगे
प्यार भरे दिल प्यार के नग़में
इस मौसम से उस मौसम तक
इस आलम से उस आलम तक
दूर न होंगे जनम जनम तक
छोड़ेंगे न हम ...