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छोड़ो नऽ मैया मऽरीऽ घोड़ा की बागऽ ओ / पँवारी
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पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
छोड़ो नऽ मैया मऽरीऽ घोड़ा की बागऽ ओ
लगना की बीरिया मऽरीऽ ढय चली।।
छोटी सी लाह मात पाय पड़ाहू ओ
तोरा दूध की निरागत करऽ देहूँ।।
छोड़ो नऽ बहना मऽरीऽ घोड़ा की बागऽ ओ
लगना की बीरिया मऽरीऽ ढ़य चली
छोटी सी लाहू बहना पाँय पड़ाहू ओ
तोरी राखी की निरागत करऽ देहूँ।।