भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जंगल का सागौन / संजीव बख़्शी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दिखाए जाते हैं
सर्कस में जंगल के शेर आज
बहुत कुछ उनके बारे
बताया जाता है

कल सागौन, शीशम दिखाए जाएँगे
साथ में रखी जाएगी वह मिट्टी,
बताया जाएगा
सागौन, शीशम उगा करते थे
इसी मिट्टी में

देखने की लगेगी टिकिट
बच्चे पास जाकर छुएँगे, देखेंगे
कहेंगे पापा-पापा

जंगल का सागौन
जंगल का शीशम
हमने छू लिया

हम डरे नहीं ।