गीदड़ ने अखबार निकाला-
‘जंगल की आवाज’,
जंगल के अंधे शासन के
उसमें खोले राज।
अपनी करनी सारी पढ़कर
शेर हुआ नाराज,
‘सारी प्रतियाँ जब्त करा दो’-
गरज उठा वनराज।
[नन्दन दिसंबर 1972]
गीदड़ ने अखबार निकाला-
‘जंगल की आवाज’,
जंगल के अंधे शासन के
उसमें खोले राज।
अपनी करनी सारी पढ़कर
शेर हुआ नाराज,
‘सारी प्रतियाँ जब्त करा दो’-
गरज उठा वनराज।
[नन्दन दिसंबर 1972]