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जंगल मे कटहल / राकेश कुमार पालीवाल

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वन विभाग रेस्ट हाउस के एक कोने में
बरसों से सीधा तना खडा है
कटहल का यह फूला फला पेड
 
यह सिर्फ एक पेड मात्र नही है परिसर का
जिस पर चिडियों के कई घोसलों के साथ
लटक रहे हैं ढेर सारे कटहल
 
वन कर्मियों की नजर मे
बेश कीमती है कटहल का यह
आम साधारण सा दिखता पेड
 
कंटीले कटहलों से लदा यह पेड
आम और अमरूद के पेडों से भी प्रिय है
रेस्ट हाउस के वन कर्मियों को
 
आये दिन होने वाले आला अधिकारियों
और खास मेहमानों के औचक आगमन पर
इसी पेड की ताजा कटहल बचाती है
रेंजर साहब की नाक और
बाकी वन कर्मियों की नौकरी
 
इस बीहड मे सब्जियों के अभाव में
जब तब रात बिरात रेस्ट हाउस का कुक
फटाफट एक कटहल तोडकर पका लेता है
कटहल की मसालेदार स्वादिष्ट सब्जी
 
अक्सर रायते और स्वीट डिश मे भी
कटहल ही होता है प्रमुख तत्व
और कटहल के पकौडे तो
सुबह के नाश्ते मे भी काम आते हैं
और शाम की रस रंजन महफिल मे भी
 
समयाभाव के दिनों मे भले ही उपेक्षित रहें
परिसर के बाकी फलों फूलों वाले पेड
कटहल के पेड की फिर भी खास टहल
करता है रेस्ट हाउस का फोरेस्ट गार्ड
 
यह भी एक संयोग है कि इस बियाबान मे