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एना जे सुतईत आंख मसानी, कोना क चलतई काज<br />जगा दे भोले बाबा को मनादे भोले बाबा को<br />इ भोले जोगिया आक धतुर में मतंग छथि, <br />नगरा बताह जका सुतल इ अर्धंग छथि, <br />इ अपराधी भूत के संगी, रूप सदाशिव भावे<br />जगा दे भोले बाबा को, मना दे भोले बाबा को<br />बसहा सवारी शिव के, घर नै घरारी एको धुर बटाईया, <br />अपने भिखारी शिव दुनिया लेल अन्न धन छई,<br />जटा स निकले गंगा छीट छीट के गंगाधार जगा दे <br />भोले बाबा को मना दे भोले बाबा को
 
'''यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से ली गयी है.'''
 
अमितेश
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