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जग में बिना यार कौ को है? / ईसुरी
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
जग में बिना यार कौ को है?
मिलै सो भाग बदौ है।
एक यार आमद के पाछै,
धनके संग लगौ है।
एक यार दये प्रान प्रेम मैं
प्रीत की कौन फंसौ हैं।
एक यार बिच धार वहा कैं
बीचइ छाड़ भगो है।
जे सब यार देखकें ईसुर
मो मन भौत हँसौ है।