Last modified on 29 जुलाई 2016, at 00:57

जग में मची ठगोरी भारी / संत जूड़ीराम

जग में मची ठगोरी भारी।
सिर ममता की बंधी पुलरिया माया लगे पियारी।
उर (कर) प्रमोद पाखंड दिखाबे काम क्रोध अधिकारी।
भेख बनाए रिझाए जगत को सार वस्तु रह न्यारी।
जूड़ीराम नाम बिन चीन्हें बिना पुरुख ज्यौं नारी।