Last modified on 21 मई 2014, at 22:09

जग सूँ कहा हमारा / दादू दयाल

जगसूँ कहा हमारा।
जब देख्या नूर तुम्हारा॥टेक॥

परम तेज घर मेरा।
सुख-सागर माहिं बसेरा॥१॥

झिलिमिलि अति आनंदा।
पाया परमानंदा॥२॥

जोति अपार अनंता।
खेलै फाग बसंता॥३॥

आदि अंत असथाना।
दादू सो पहिचाना॥४॥