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जद नीं हुयसूं / कुमार अजय

मौत रै तरकस मांय
अलेखूं बांण है
कित्ता दिन टाळीजसी
छेवट हुवणौ ई पड़सी
किणी न किणी अेक रै धक्कै

पण जावणै सूं पैलां
भविख मांय झांकणौ चावूं चिन्होक
छेवट कांई हुयसी तद
जद नीं हुयसूं म्हैं ...

कुण-कुण हुयसी भेळा
म्हारी छेहली जातरा मांय
कुण-कुण झुरणै ढूकसी
साचै हीयै सूं म्हारी मौत नै
कुण-कुण रोयसी छाती कूटनै
अर कुण कटसी मांय ई मांय
किण-किण नै काढणौ हुयसी
रोवणै रौ सांग फगत...

अैड़ा ई केई हुयसी
जिका साथ जायनै ई मसांण
रैयसी जाबक अणजुड़îा
म्हारै जावणै सूं
जियां रैया आखी उमर
म्हारै हुवणै सूं अणजांण-सा

अेकाधौ तौ कोई अैड़ौ ई हुयसी
जिकौ हरखसी मांय ई मांय
म्हारै नीं हुवणै सूं
अर वां मांय सूं ई
कांई रैयसी कुणई मौजूद
उत्तर-पातर सारू
जिकां री मसांण-जातरां मांय
रैयौ हूं म्हैं भेळौ
कै पछै वै खिनायसी
खुद रै किणी टाबर नै ई...

म्हारी साळ मांय
हैंगर माथै टंगी हैं
चटख रंगवाळी केई कमीज
कुण पैहणसी वांनै
कुणई पैहणसी कै नीं
नीं पैहणसी तौ पछै
कांई हुयसी वांरौ
जद म्हैं नीं हुयसूं....

म्हारै बैंक खातै मांय
जमा है पेट काटनै जोड़ेड़ा कीं पईसा
अर एजेंटां री दाब सूं करायीजी
एलआईसी री कीं पॉलिसी ई है म्हारै कनै
म्हैं नीं हुयसूं तद
कुण बरतसी वां पईसा नै
अर कांई कांम लीरीजसी
एलआईसी रौ सगळौ क्लेम
कित्तीक हुय सकैली वीं क्लेम सूं
म्हारै नीं हुवणै री भरपाई
जद नीं हुयसूं म्हैं...

ऑफिस मांय ई कुण बैठसी
म्हारली घूमण-कुरसी माथै
कुण खायसी म्हारै हिस्सै री घूस
कुण करसी म्हारै पांती रौ कांम
कुण सुणसी अफसरां री फटकार
अर कुण काढसी वांनै मन ई मन गाळ
जद नीं हुयसूं म्हैं...

कुण झालसी म्हारै हिस्सै री जातना
कुण भोगसी म्हारै पांती रा सुख
कुण लेयसी म्हारै हीयै री बेकळी
कुण जीवसी म्हारी जूंण रौ बाकी सुख
अर कांई हुयसी वांरौ
जिकां सूं करूं हेत अणथाग
अर जिका करै ई म्हासंू नेह
वांरै हीया ई कांई बीतसी?
कुण पूरसी म्हारै नीं हुवणै सूं रीती ठौड़।

भविख मांय झांकणौ चावूं चिन्होक
कांई-कांई हुयसी म्हारै नांव सूं
जद नीं हुयसूं म्हैं अठै
कीकर करीजसी मैसूस
म्हारी दुनिया मांय म्हारौ नीं हुवणौ।