Last modified on 1 नवम्बर 2007, at 21:05

जब कभी तेरा नाम लेते हैं / सरदार अंजुम

जब कभी तेरा नाम लेते हैं
दिल से हम इन्तक़ाम लेते हैं

मेरी बर्बादियों के अफ़साने
मेरे यारों का नाम लेते हैं

बस यही एक जुर्म् है अपना
हम मुहब्बत से काम लेते हैं

हर क़दम पर गिरे पर सीखा
कैसे गिरतों को थाम लेते हैं

हम भटक कर जुनूँ की राहों में
अक़्ल से इन्तक़ाम लेते हैं