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जब मैं बड़ा हुआ / लैंग्स्टन ह्यूज़ / नीता पोरवाल
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यह बहुत पहले की बात है
मैं अपने सपने को लगभग भूल गया
पर यह तब भी वहीँ था,
मेरे सामने,
सूरज की तरह चमकीला
मेरा सपना
और फिर एक दीवार उठी,
धीरे से उठी,
धीरे से,
मेरे और मेरे सपने के बीच
उठती गई जब तक इसने आसमान नही छू लिया —
एक दीवार
एक छाया
मैं हब्शी हूँ
मैं छाया में लेट गया
अब मेरे सामने मेरे सपने की रोशनी नहीं,
मेरे ऊपर
सिर्फ़ मोटी दीवार थी
सिर्फ़ छाया थी
मेरे हाथ !
मेरे काले हाथ !
दीवार को तोड़ डालो !
ढूँढ़ निकालो मेरा सपना !
मेरी मदद करो इस अन्धेरे को चकनाचूर करने में
इस रात को ख़त्म करने में,
इस छाया को तोड़ने में
सूरज के हज़ारों-हज़ार प्रकाश-पुंज पाने में,
सूरज के चक्कर लगाते हज़ारों-हज़ार सपने देखने में
अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीता पोरवाल