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जब से देखा है तिरे हाथ का चांद / नासिर काज़मी
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17:59, 1 अप्रैल 2011
|रचनाकार=नासिर काज़मी
|संग्रह=मैं कहाँ चला गया / नासिर काज़मी
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जब से देखा है तिरे हाथ का चांद<br>
मैंने देखा ही नहीं रात का चांद<br><br>
Pratishtha
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