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"जब से देखा है तिरे हाथ का चांद / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर

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जब से देखा है तिरे हाथ का चाँद<br>
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जुल्फ़-ए-शबरंग के सद राहों में<br>
 
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एक जादू है ख़यालात का चाँद <br>
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एक जादू है ख़यालात का चांद<br>

18:10, 15 अप्रैल 2008 का अवतरण

जब से देखा है तिरे हाथ का चांद
मैंने देखा ही नहीं रात का चांद

जुल्फ़-ए-शबरंग के सद राहों में
मैंने देखा है तिलिस्मात का चांद

रस कहीं, रूप कहीं, रंग कहीं
एक जादू है ख़यालात का चांद