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जयन्ती / यूनीस डिसूजा

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आज उसके सम्मान में
श्रीमती लोबो झगड़ेंगी नहीं
श्रीमती लोपेज़ से
कि कौन सजाए वेदी को
और कैसे ?

भ्रातृसँघ की ओर से
भेंट में सिगार का डिब्बा आएगा
जैसा कि होता रहा है,
पिछले बीस सालों से ।

गिरजा-पल्ली की लड़कियाँ गीत गाएँगी —
"तुम्हारे पथ पर गुलाब बिखरे रहें"।

वह अभी भी देखता रहता है —
मैं घोड़े का बछेड़ा बनूँगा, माँ !
जब बड़ा हो जाऊँगा,
एक बछेड़ा अनसधा
पालतू तो बिल्कुल भी नहीं,
जिसके खुरों के चट्टान को छूते ही चमकेगी आग ।

और रोती रहे
उसकी माँ
अनायास, अकारण ही ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनामिका