जय-पराजय-खुशी और ग़म
दृष्टिभ्रम दृष्टिभ्रम दृष्टिभ्रम
बिजलियो, आशियाँ पे मेरे,
हर तरफ़ दर्ज है स्वागतम्
वेदनाओं की वेदत्रयी,
ये जुबाँ ये ज़िगर ये क़लम।
जय-पराजय-खुशी और ग़म
दृष्टिभ्रम दृष्टिभ्रम दृष्टिभ्रम
बिजलियो, आशियाँ पे मेरे,
हर तरफ़ दर्ज है स्वागतम्
वेदनाओं की वेदत्रयी,
ये जुबाँ ये ज़िगर ये क़लम।