भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जय श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्र / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:28, 10 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जय श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, जयति, जय कपि हनुमान।
     जय जानकी, माण्डवी, जय उर्मिला सती, श्रुतिकीर्ति महान॥
जयति आदिकवि वाल्मीकि, जय शंकर, जय कवि तुलसीदास।
     रामायण-रचयिता धन्य, जय उमा कर रहीं बुद्धि-विकास॥