Last modified on 6 सितम्बर 2017, at 20:50

जल / शंख घोष / सुलोचना वर्मा / शिव किशोर तिवारी

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: शंख घोष  » जल / शंख घोष / सुलोचना वर्मा

क्या जल समझता है तुम्हारी किसी व्यथा को?
फिर क्यों, फिर क्यों
जाओगे तुम जल में क्यों छोड़ गहन की सजलता को?

क्या जल तुम्हारे सीने में देता है दर्द?
फिर क्यों, फिर क्यों
क्यों छोड़ जाना चाहते हो दिन रात का जलभार?

मूल बंगला से अनुवाद : सुलोचना वर्मा और शिव किशोर तिवारी

('निहित पातालछाया' (1961) नामक संग्रह में संकलित, कविता का मूल बांग्ला शीर्षक - जल)