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ज़ख्म खाकर भी मुस्कुरा देंगे / अनिरुद्ध सिन्हा

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ज़ख्म खाकर भी मुस्कुरा देंगे
वक़्त को आइना दिखा देंगे

दोस्त खुद को ज़रा बदल पहले
तेरी चौखट पे सर झुका देंगे

अपना सब कुछ तो दे दिया हमने
ज़िन्दगी तुझको और क्या देंगे

ये जो क़दमों के हैं निशां यारो
मंज़िलों का यही पता देंगे

हम तो जुगनू हैं जल बुझेंगे मगर
आनेवालों को रास्ता देंगे