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ज़रा सा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले / अर्पित शर्मा 'अर्पित'

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ज़रा सा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले
नतीजा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

तुम्हारे बिन ये मेरी ज़िंदगी का हाल क्या होगा
ख़ुदारा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

यही है इल्तजा मेरी यही मेरी तमन्ना है
दोबारा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

तुम्हारे बिन कोई रोता ही रहता है मेरे दिल में
हमारा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

सफ़र की इब्तिदा ग़म है सफ़र की इंतेहा ग़म है
सराफा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

नज़र से दूर होगे तुम तो मेरा हाल क्या होगा
के यारा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

मेरी ग़मगीन आँखों का मेरी बर्बादिये दिल का
नज़ारा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले

दमे आख़िर मेरी बुझती हुई आँखों का ए "अर्पित"
इशारा सोच लेते तुम बिछड़ने से ज़रा पहले