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ज़िन्दगी भर साथ जिनका एक रस्ता है / कैलाश झा 'किंकर'

ज़िन्दगी भर साथ जिनका एक रस्ता है
दोस्त ऐसा ही दिलों पर राज करता है।

बादलों से नेह वर्षा कि हैं उम्मीदें
देखिए कबतक ज़मीं पर वह बरसता है।

रातरानी जागती रहती है रातों में
और लेती नींद है जब दिन निकलता है।

लोभ का चश्मा पहन जो नौकरी करता
वह तो रिश्वत के बिना मायूस रहता है।

अब बिना मुर्गा के बोले भी सुबह होती
आदमी अभिमान में बेकार फँसता है।