Last modified on 31 जुलाई 2008, at 13:47

ज़िन्दा रहने की शर्त / शहरयार

हर एक शख़्स अपने हिस्से का अज़ाब ख़ुद सहे

कोई न उसका साथ दे

ज़मीं पे ज़िन्दा रहने की ये एक पहली शर्त है।