Last modified on 22 जून 2012, at 04:18

ज़ेनिया एक-5 / एयूजेनिओ मोंताले

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:18, 22 जून 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: एयूजेनिओ मोंताले  » ज़ेनिया एक-5

यह कभी मेरे दिमाग़ में ही नहीं आया
कि मैं तुम्हारा, बहती आँखों वाला भरोसेमंद कुत्ता था
या कि तुम मेरा ।

औरों के लिए तुम एक कमज़ोर नज़र वाला
पिद्दी-सा कीड़ा थीं
भद्रलोक की बकवाद से चकित ।

वे बाबू क़िस्म के लोग थे ।
उन चतुर चालाक लोगों को
यह अहसास त्क नहीं हो पाया
कि वे तुम्हारे परिहास के पात्र थे,
कि तुम अँधेरे में भी उन्हें तोड़ ले सकती थीं ।

तुम्हारी अचूक छठी इंद्रिय,
तुम्हारे चमगादड़ी राडार के जरिए
बेनक़ाब होते वे लोग !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल