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ज़ोफ आता है दिल को थाम तो लो / इंशा अल्लाह खां

ज़ो’फ आता है दिल को थाम तो लो
बोलियो मत मगर सलाम तो लो

कौन कहता है बोलो, मत बोलो
हाथ से मेरे एक जाम तो लो

इन्हीं बातों पे लौटता हूँ मैं
गाली फिर दे के मेरा नाम तो लो

इक निगाह पर बिके हैं इंशा आज
मुफ़्त में मोल एक गुलाम तो लो