भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जाए नाहीं देबि हम बहरवा ए रामा / रामरक्षा मिश्र विमल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामरक्षा मिश्र विमल |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

19:20, 4 अगस्त 2018 के समय का अवतरण

जाए नाहीं देबि हम बहरवा ए रामा, एह पारी तोहके।
भले तनी कम मिली ओतने में रहबो
गाँवही में करबो गुजरवा ए रामा, एह पारी तोहके।
तहरे करेजवा से सटिके जुडइबो
नाहीं चाहीं घूमे के शहरवा ए रामा, एह पारी तोहके।
पइसा के भूखे काहें देंहिया सुखइब
हम पिअबि बिरह जहरवा ए रामा, एह पारी तोहके।