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जाने वाले दिल को क्या-क्या सौग़ातें दे जाते हैं / देवेश दीक्षित 'देव'
Kavita Kosh से
जाने वाले दिल को क्या क्या सौग़ातें दे जाते हैं
रातें सूनी कर आँखों में बरसातें दे जाते हैं
तनहा रहकर भी कोई एहसास नहीं तन्हाई का
इतनी प्यारी यादों की वो बारातें दे जाते हैं
ख़्वाब किसी के क्या देखें अब,इन पथराई आँखों से
जब अपने ही अश्कों से भीगी रातें दे जाते हैं
जीवन-भर वो अक्स उभरते रहते हैं इन आँखों में
मीठी-मीठी यादों की जो सौग़ातें दे जाते हैं
उनके अहसानों से हमको दूर ही रखना या मौला
वो हैं अमीरे-शहर जो हमको ख़ैरातें दे जाते हैं