मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जाहि देवकी नहयली प्रथमहि पुत्र फल पयली रे
ललना रे ओहि दिन दिन छल सुदिन गर्भ देवकी के रहि गेल रे
छन छन जीह फरिआयल ठोर सुखाएल रे
ललना रे कथू केर महक नहि नीक साग भात खाओल रे
आठम मास जब बीतल सुख नहि लागय रे
ललना रे कथू केर महक नहि नीक कि खीर मन भावय रे
दसम रे कथू केर महक नहि नीक कि खीर मन भावय रे
दसम मास चढू भादव होरिला जनम लेल रे
ललना रे जन्म लेल श्री यदुनाथ तीनू लोक आनन्द रे