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जिसने घनश्याम तेरे प्रेम का अरमान लिया / बिन्दु जी

जिसने घनश्याम तेरे प्रेम का अरमान लिया।
उसने हर तौर तेरे राज को पहचान लिया।
अक्ल में जिसकी तू आया वो प शान रहा।
दिल में तू जिसके बसा उसने तुझे मान लिया।
जान जो तुझ से चुराता है वो अनजान रहा।
जान दी जिसने तुझे उसने तुझे जान लिया।
परदाये ‘बिन्दु’ ने यह सोच के दृग द्वार ढके।
दिल एक सांवला पर्दानशी मेहमान लिया।