भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जीते अंगरेज और हारे हर हिटलहर हु / नाथ कवि
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:15, 18 जनवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नाथ कवि |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBrajBhashaRa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
जीते अंगरेज और हारे हर हिटलहर हु,
जो पै सहयोग भव्य भारत का पायेंगे।
झूठे वायदों से ये न मानें कभी नेतागण,
कर दो आजाद फिर जौहर दिखायेंगे॥
हम भी तो देखें कैसे आते हैं नाजी पाजी,
मार मार दुश्मन को रण से भगायेंगे॥
‘नाथ’ हम भारती न हारें कभी हिम्मत को,
हमें कलपायेंगे तो कैसे कल पायेंगे॥