Last modified on 15 अक्टूबर 2011, at 05:19

जीवण खातर अबै नुंवी रास लै तूं / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:19, 15 अक्टूबर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जीवण खातर अबै नुंवी रास लै तूं
नित आगै बध, जठै मिलै उजास लै तूं

सांमै सीयाळो अर कनै कोनी गाभा
छाती में गोडा घाल गरमास लै तूं

आ ना सोच कै थारी’ज आंख्यां आली
आखो जग आंसुवां रो इतिहास लै तूं

दो-च्यार होठां माथै मुळक तो कांई
अलेखूं उणियारा अठै उदास लै तूं

ऐ स्सै सांसां टुर जासी थारै लारै
पैली इण माटी रो विश्वास लै तूं